सर्पगंधा के फायदे, नुकसान और उपयोग - Sarpagandha Benefits, Uses and Side Effects in Hindi

सर्पगंधा के फायदे , नुकसान और उपयोग

सर्पगंधा आयुर्वेद और हर्बल मेडिसिन में एक विशेष स्थान रखता है। आयुर्वेदिक एक्सपर्ट्स और डॉक्टर्स इसे एक चमत्कारिक पौधा मानते हैं। पारम्परिक रूप से सर्पदंश के इलाज में इसके इस्तेमाल होने की वजह से इसका नाम सर्पगंधा पड़ा।     

प्राचीन समय से ही इसकी जड़ों और विभिन्न भागों का इस्तेमाल विभिन्न बिमारियों के इलाज में किया जाता रहा है। रक्तचाप कम करने के साथ, यह अनिद्रा, मानसिक तनाव, और ह्रदय रोगों में लाभकारी रहा है। यहाँ कुछ प्रारंभिक जानकारी के बाद जानें: 

  • सर्पगंधा के फायदे ( Sarpagandha Ke Fayde )
  • सर्पगंधा के उपयोग ( Sarpagandha Uses )
  • सर्पगंधा के फायदे और नुकसान ( Sarpagandha Ke Fayde and  Side Effects )   

सर्पगंधा क्या है? (What Is Sarpagandha in Hindi)

सर्पगंधा एक छोटा, सदाबहार झाडी जैसा पौधा है। इस औषधीय पौधे को अंग्रेजी में Indian Snakeroot कहा जाता है। यह भारत, श्रीलंका, नेपाल और इंडोनेशिया में पाया जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम Rauvolfia serpentina है। ScienceDirect के अनुसार, यह Apocynaceae परिवार से संबंध रखता है।  

इस मेडिसिनल पौधे के जड़ में रेसर्पाइन (Reserpine) नामक एक महत्त्वपूर्ण एल्कलॉइड पाया जाता है, जो मानसिक विकारों और उच्च रक्तचाप के इलाज में काफी प्रभावी है।

सर्पगंधा को कैसे पहचानें 

  • जड़ - भूरे-पीले, गहरी, कड़वी और तीखी।
  • पत्तियाँ - गुच्छों में, ऊपर से गहरा हरा और नीचे हल्का रंग।
  • फूल - नव-वर्ष में नवंबर-दिसंबर - छोटे, सफेद।
  • फल - हरे से बैंगनी-काले रंग तक विकसित होते हैं।  

सर्पगंधा के फायदे (Sarpagandha Benefits)

आयुर्वेद के अनुसार, सर्पगंधा प्राचीन समय से ही कई बिमारियों के इलाज में उपयोग किया जाता रहा है। यहाँ हम वैज्ञानिक अध्यनों में प्रमाणित सर्पगंधा के फायदे के बारे में जानते हैं:

1. रक्तचाप को कम करता है (Helps Lower Blood Pressure)

सर्पगंधा की जड़ में रेसेर्पीन (Reserpine) नामक अल्कलॉइड मौजूद होता है। यह अल्कलॉइड उच्च (High Blood Pressure Control) रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करता है। इसके लिए यह अल्कलॉइड न्यूरोट्रांसमीटर्स (जैसे नॉरएपिनेफ्रिन, डोपामिन और सेरोटोनिन) को प्रभावित करके नाड़ी तंत्र पर कार्य करता है।  परिणामस्वरूप रक्त वाहिकाएँ (Blood Vessels)रिलैक्स होती हैं और BP धीरे-धीरे सामान्य स्तर पर आ जाता है।  

  • SienceDirect और Journal of Pharmacognosy and Photochemistry के अध्ययनों के आधार पर, सर्पगंधा का नियमित उपयोग Stage 1 और Stage 2 Hypertension के इलाज में लाभदायक हो सकता है।
  • यह उन लोगों के लिए भी सहायक है जिनमें अनुवांशिक कारणों से हृदय रोग का रिस्क ज्यादा होता है, क्योंकि लगातार BP नियंत्रित करने से हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा घटता जाता है।
  • सर्पगंधा से बने बीपी केयर कैप्सूल का एक हेल्थी लाइफस्टाइल के साथ नियमित उपयोग भी ब्लड प्रेशर कम करने और ह्रदय सम्बन्धी रोगों के रिस्क को घटाने में मदद करता है। 

2. श्वसन संबंधी बीमारियों में आराम दिलाता है (Brings Relief in Respiratory Problems)

सर्पगंधा में एंटी-इन्फ्लेमेटरी और ब्रोंकोडायलेटरी गुण पाया जाता है। ये गुण श्वसन मार्ग को शांत करते हैं। यह ब्रोंकाइटिस (Bronchitis), अस्थमा (Asthma) और खांसी जैसी स्थितियों में राहत दिला सकता है।

  • पारंपरिक आयुर्वेद में इसे काढ़ा या चूर्ण के रूप में खाँसी-जुकाम, बलगम और साँस लेने में कठिनाई दूर करने के लिए दिया जाता था जो कि सर्पगंधा चूर्ण के फायदे में से एक है।
  • सर्पगंधा श्वसन नलियों में जमी बलगम को पतला करके सांस लेने की क्षमता में सुधार लाता है।

3. हृदय स्वास्थ्य को मजबूत बनाता है (Helps Strengthen Heart Health)

सर्पगंधा रक्तचाप (Blood Pressure) नियंत्रित करके हृदय की कार्यक्षमता को मजबूत बनाता है। हाई BP से उत्पन्न खतरे जैसे कि स्ट्रोक, एथेरोस्क्लेरोसिस (धमनियों का कठोर होना) और हार्ट अटैक की संभावना को यह कम करने में सहायता करता है।

  • इसके कार्डियोप्रोटेक्टिव गुण हृदय की मांसपेशियों पर सकारात्मक असर डालते हैं।
  • यह ब्लड सर्कुलेशन को सुचारू कर दिल पर पड़ने वाले दबाव को कम करने में मदद करता है।

4. गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल विकार कम करता है (Lowers Gestational Problems) 

सर्पगंधा का प्रयोग पारंपरिक रूप से पाचन सुधारने और पेट संबंधी समस्याओं के लिए किया जाता है। इसके अर्क से दस्त (diarrhoea), कब्ज (Constipation), अपच (Indigestion) और गैस में राहत मिल सकती है।

  • इसमें पाए जाने वाले सक्रिय यौगिक आँतों की गति (intestinal motility) को संतुलित करते हैं।
  • यह आंतों में जमा हानिकारक बैक्टीरिया के विकास को रोकने में भी प्रभावी हो सकता है।

5. मासिक धर्म संबंधी विकारों में लाभदायक (Helps Address Menstrual Issues)

महिलाओं में मासिक धर्म के दौरान दर्द, ऐंठन और मूड स्विंग्स आम समस्या है। सर्पगंधा में मौजूद मूड-स्टेबलाइजिंग और एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण इन समस्याओं को कम करने में सहायक होते हैं।   

  • यह गर्भाशय की मांसपेशियों को आराम देकर दर्द और सूजन को घटाने में मदद करता है।
  • इसके अलावे, यह मूड को स्थिर करके चिंता और चिड़चिड़ापन को कम करता है।

6. नींद की गुणवत्ता में सुधार लाता है (Helps Improve Sleep Quality)

सर्पगंधा एक प्राकृतिक सेडेटिव और ट्रैंक्विलाइज़र है। यह मस्तिष्क में सेरोटोनिन और डोपामिन स्तर को प्रभावित कर मन को शांत करता है। परिगणमस्वरूप, नींद की गुणवत्ता बेहतर होती है। Springer में प्रकाशित एक लेख के अनुसार, यह  

  • अनिद्रा या बार-बार नींद टूटने की समस्या वाले लोगों के लिए उपयोगी है।
  • नींद को गहरा और रिलैक्सिंग बनाता है, जिससे अगले दिन आपका दिमाग और शरीर तरोताजा रहता है।  

7. तनाव और स्ट्रेस को कम करता है (Reduces Anxiety and Stress)

आधुनिक जीवनशैली में तनाव और चिंता आम स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है। सर्पगंधा में मौजूद सक्रिय यौगिक मन को शांत करते हैं और एंग्जायटी व हल्के अवसाद की स्थिति में राहत प्रदान करते हैं।

  • नियमित सेवन से यह स्ट्रेस हार्मोन (कॉर्टिसोल) के स्तर को नियमित रखता है।
  • ऑफिस वर्कर्स, विद्यार्थियों और अत्यधिक मानसिक दबाव झेलने वाले लोगों के लिए सर्पगंधा टेबलेट या कैप्सूल का उपयोग लाभकारी साबित हो सकता है।

8. गठिया में उपयोगी (Effective in Addressing Arthritis) 

गठिया और गाउट जैसी समस्याओं में जोड़ों में सूजन और दर्द होता है। सर्पगंधा के एंटी-इन्फ्लेमेटरी और एनाल्जेसिक गुण इस सूजन और दर्द को कम करने में मदद करते हैं।

  • इसके अर्क से बने लेप को प्रभावित जगह पर लगाने से सूजन और जकड़न में आराम मिलता है।
  • साथ ही, आंतरिक सेवन से शरीर में जमा यूरिक एसिड का स्तर घट सकता है, जो गाउट का मुख्य कारण होता है।

9. अन्य लाभ

सर्पगंधा के उपयोग के कुछ अन्य लाभ:

  • सर्पदंश में उपयोगी - सर्पगंधा का पारंपरिक उपयोग साँप के काटने के विष को कम करने के लिए किया जाता रहा है। हालाँकि आजकल इसका यह उपयोग आधुनिक चिकित्सा के बिना सुरक्षित नहीं है। फिर भी ग्रामीण क्षेत्रों में यह आज भी अपनाया जाता है।
  • स्किन विकारों में लाभदायक - सर्पगंधा चूर्ण का लेप या अर्क खुजली, बवासीर, एक्जिमा, फंगल और बैक्टीरियल संक्रमण में राहत पहुंचा सकता है। इसके एंटी-माइक्रोबियल गुण त्वचा को संक्रमण से बचाते हैं।
  • कैंसर के इलाज में सर्पगंधा के उपयोग की सम्भावना पर शोध - कुछ प्रारंभिक वैज्ञानिक अध्ययनों में पाया गया है कि सर्पगंधा के अल्कलॉइड्स में एंटी-कैंसर गुण उपलब्ध हो सकते हैं। ये कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि को रोकने में सहायक साबित हो सकते हैं, लेकिन अभी इस पर और अधिक वैज्ञानिक अनुसंधान की आवश्यकता है।

सर्पगंधा का नुकसान (Sarpagandha Side Effects)

सर्पगंधा फायदेमंद होने के साथ-साथ हानिकारक भी है, खासकर बिना चिकित्सीय सलाह के अधिक मात्रा में सेवन करने पर। यहाँ सर्पगंधा के नुकसान निम्नलिखित हैं:

  • पाचन सम्बन्धी समस्या, उल्टी, मितली, भूख में कमी, पेट में जलन 
  • कुछ व्यक्तियों पर गंभीर प्रभाव दिख सकता है। चक्कर आना, सिरदर्द, पैरों की सूजन, मांसपेशियों में दर्द, अनियमित हृदय गति, यौन क्षमता में कमी जैसी समस्याएँ  हो सकती हैं। 
  • डिप्रेशन या मानसिक अवसाद के मामलों में स्थिति बिगड़ भी सकती है। 

सर्पगंधा के उपयोग में सावधानियां 

डॉक्टर की सलाह पर सर्पगंधा का उपयोग नियमित रूप से करना फायदेमंद होता है। सर्पगंधा के उपयोग में निम्नलिखित सावधानी बरतनी चाहिए :

  • गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाओं को इसका उपयोग नहीं करना चाहिए। यह बच्चे और माँ दोनों के लिए हानिकारक हो सकता है।  
  • अल्सर, पित्त की पथरी, गॉलस्टोन, ECT लेने वाले रोगियों को इसका उपयोग करने से बचना चाहिए। डॉक्टर से मिलने के बाद ही इसका सेवन करें। 

सर्पगंधा का उपयोग (Uses of Sarpagandha in Hindi)

सर्पगंधा के फायदे (Sarpagandha Ke Fayde)जानने के बाद आप इसके उपयोग के लिए उत्सुक हो गए होंगे। सर्पगंधा पाउडर, टेबलेट/कैप्सूल और रॉ फॉर्म में उपलब्ध है। यहाँ जानें कि आप सर्पगंधा के किस फॉर्म का उपयोग कैसे कर सकते हैं:

  • सर्पगंधा चूर्ण (पाउडर) (Sarpagandha Powder) - जड़ों को सुखाकर पाउडर बनाकर सेवन करें। 500mg - 1gram सर्पगंधा पाउडर दिन में दो बार पानी के साथ लें।  
  • सर्पगंधा काढ़ा (Decoction) - जड़ों को पानी में उबाल लें। 50 से 100mg रोजाना पिएँ।
  • टिंचर - अल्कोहलिक एक्सट्रैक्ट के रूप में।  
  • सर्पगंधा टेबलेट्स (Sarpagandha Tablet)- 500mg एक सर्पगंधा टेबलेट दिन में एक से दो बार लें। 

सर्पगंधा के फायदे और नुकसान - एक तुलनात्मक अध्यन 

सर्पगंधा के फायदे और नुकसान दोनों होते हैं। यहाँ दोनों का तुलनात्मक अध्ययन आपको सही फैसला लेने में मदद करेगा:

पहलु (Aspect)

सर्पगंधा के फायदे (Sarpagandha Benefits)

सर्पगंधा के नुकसान/सावधानियाँ

कार्डियोवैस्कुलर

उच्च रक्तचाप नियंत्रण, हृदय रोगों की रोकथाम

BP बहुत अधिक घटने का खतरा, अन्य BP दवाओं के साथ सावधानी जरूरी

मानसिक स्वास्थ्य

तनाव, चिंता, अनिद्रा में राहत, मूड संतुलन

अवसाद/डिप्रेशन में स्थिति बिगड़ सकती है, मानसिक दवाओं के साथ परस्पर क्रिया जोखिमपूर्ण

पाचन व श्वसन

गैस, दस्त, कब्ज, अस्थमा आदि समस्याओं में लाभ

गैस्ट्रिक अल्सरेशन, पेट में जलन, उल्टी आदि दुष्प्रभाव संभव

पारंपरिक / अन्य

सर्पदंश, स्किन रोग, मासिक समस्याओं में उपयोग

गर्भवस्था, स्तनपान, अल्सर, पथरी आदि में अनुपयुक्त

निष्कर्ष 

सर्पगंधा (Rauvolfia serpentina) एक अत्यंत प्रभावशाली और बहुआयामी आयुर्वेदिक दवा (जड़ी-बूटी) है।  इसकी जड़ (root) में कई चिकित्सीय अल्कलॉइड जैसे रेसेर्पीन पाए जाते हैं, जो कई सारी स्वास्थ्य लाभ प्रदान करते हैं। यह प्रमुख रूप से हृदय, मानसिक स्वास्थ्य, नींद, पाचन और पारंपरिक समस्याओं (जैसे सर्पदंश, गठिया) में उपयोगी है।

लेकिन साथ ही, इसके उपयोग के दौरान संभावित दुष्प्रभावों और दवाओं के साथ इंटरैक्शन की वजह से कुछ सावधानी और चिकित्सकीय मार्गदर्शन बहुत ही आवश्यक है। विशेषकर गर्भवती, स्तनपान करा रही महिलाएँ, गंभीर मानसिक विकार या पहले से BP/हृदय संबंधी दवाएँ ले रहे लोग इसका सेवन खुद से न करें।

FAQs:

Q1. सर्पगंधा क्या है और इसके मुख्य फायदे क्या हैं?

Ans: सर्पगंधा भारत, नेपाल, और श्रीलंका में पाए जाने वाला छोटा, सदाबहार झाड़ी जैसा पौधा है। इसे Indian Snake भी कहा जाता है। यह मुख्य रूप से तनाव, ह्रदय, सर्पदंश, पाचन और रक्तचाप में फायदेमंद है।

Q2. क्या सर्पगंधा ब्लड प्रेशर में फायदेमंद है?

Ans: हाँ, सर्पगंधा ब्लड प्रेशर में फायदेमंद है। यह रक्त वाहिकाओं (Blood Vessels) को फैलाकर ब्लड सर्कुलेशन को सही करता है। परिणामस्वरूप, धीरे-धीरे ब्लड प्रेशर लेवल नियंत्रित होता है।

Q3. ब्लड प्रेशर की सबसे अच्छी आयुर्वेदिक दवा कौन सी है?

Ans: ब्लड प्रेशर की सबसे अच्छी आयुर्वेदिक दवा हाइपर कैप्सूल है। यह 8 नेचुरल हर्ब्स को मिलाकर बनाया गया है, इसमें सर्पगंधा एक प्रमुख तत्त्व है। यह हेपेरटेन्शन की सभी लक्षणों को दूर कर स्वस्थ्य जीवन जीने में मदद करता है।

Q4. सर्पगंधा टैबलेट के क्या नुकसान हैं?

Ans: अधिक मात्रा में सेवन करने से बीपी कम हो सकता है, चक्कर आ सकता है, और पाचन सम्बन्धी परेशानी भी हो सकती है।

Q5. सर्पगंधा का सेवन कैसे करना चाहिए?

Ans: सर्पगंधा का उपयोग इसके फॉर्म पर निर्भर करता है। 500mg का सर्पगंधा का एक टेबलेट या कैप्सूल दिन में दो बार पानी के साथ। आप सर्पगंधा के 500mg - 1 ग्राम तक कर सकते है। व्यक्तिगत Dose के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

Q6. सर्पगंधा का असर कितने समय में दिखता है?

Ans: सर्पगंधा का असर आपके वर्तमान स्वास्थ्य पर निर्भर करता है। दो से तीन सप्ताह में असर दिखना शुरू हो सकता है। कुछ व्यक्तियों को ज्यादा टाइम लग सकता है।

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Dr. Prachi Sharma Vats – Ayurvedic Physician, Author & Wellness Expert

Dr. Prachi Sharma Vats is a dedicated Ayurvedic physician specializing in Ayurvedic nutrition, women’s hormonal health, and PCOD management. She holds a Bachelor of Ayurvedic Medicine and Surgery (BAMS) degree from Shri Krishna AYUSH University, Kurukshetra.

Currently associated with Sheopal’s, a leading Ayurvedic and wellness brand, Dr. Prachi focuses on treating lifestyle related disorders through holistic Ayurvedic practices, personalized diet guidance, and natural healing therapies. Her approach blends classical Ayurvedic wisdom with modern health insights to promote sustainable well-being.

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