पुनर्नवा क्या है? इसके फायदे और उपयोग के तरीके जानें

पुनर्नवा क्या है? इसके फायदे और उपयोग के तरीके जानें

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पुनर्वाना एक बहुत ही फायदेमंद और प्रसिद्द जड़ी बूटी हैं, जिसका इस्तेमाल सालो से आयुर्वेद में बीमारियों को ठीक करने के लिए किया जा रहा है।

आयुर्वेद में पुनर्नवा का अर्थ होता है नया जीवन और अपने नाम की तरह यह जड़ी बूटी भी लोगो में नया जीवन लाने का ही काम करती हैं।

सदियों से ही इस पौधे की जड़, पत्ती, फल, और बीज का इस्तेमाल कई विभिन्न दवाई बनाने में किया जाता है| उच्चरक्तचाप, मधुमेह, अस्थमा, और यौन सम्बन्धी रोग जैसे कई रोगो को ठीक करने में भी यह पौधा लाभकारी है।

इसमें और भी कई गुण पाए जाते है जिनके बारे में यह ब्लॉग आपको बताएगा| इस ब्लॉग में हम जनेयेंगे पुनर्नवा के फायदे और इसके उपयोग के तरीके, साथ ही ये भी जानेंगे की यह लिवर के लिए कैसे लाभकारी है|

पुनर्नवा क्या है?

पुनर्नवा भारत, श्रीलंका, और दक्षिण अमेरिका में पाया जाने वाला एक औषधीय पौधा है, जो की साधारणतः बरसात के मौसम में पाया जाता है, और गर्मियों में यह पूरी तरह से सूख जाता है। इस लाभदायक जड़ी बूटी में पोटैशियम नाइट्राट और हाइड्रोक्लोराइड भरपूर होता है, जो की कई सारे गंभीर रोगो के इलाज के लिए फायदेमंद माना जाता है।

पुनर्नवा के फायदे

पुनर्नवा के फायदे को दो भागो में बांटा जा सकता है: पहला इसके औषधीय गुण और दूसरा शारीरिक फायदे। आइये इनके बारे में विस्तार में जानते है।

पुनर्नवा के औषधीय गुण

पुनर्नवा एक ऐसा पौधा है, जिसका हर एक कण गुणों से भरा है और हर एक  हिस्सा किसी न किसी बीमारी के इलाज में इस्तेमाल होता है।  तो आइये जानते है पुनर्नवा के विभिन्न भागो के विभिन्न फायदों के बारे में:

1. पुनर्नवा की पत्तियों के फायदे: वज़न नियंत्रण में उपयोगी

पुनर्नवा के पत्तो का इस्तेमाल ज्यातर वज़न नियंत्रण के लिए किया जाता है। इसके सटीक इस्तेमाल से शरीर में पानी और वसा के संचय को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। साथ ही यह शरीर से हानिकारक तत्वों को बहार करने में मदद करता है और मेटाबोलिज्म को भी बढ़ता है, जिससे वज़न कम होता है। 

वैज्ञानिक शोध 

  •  Plants (Basel) पत्रिका (2022) में प्रकाशित एक अध्ययन में यह पाया गया कि पुनर्नवा मेटाबोलिज्म को बढ़ाकर वासा को कम करने में मदद करता है।

2. पुनर्नवा की जड़ के फायदे: एक प्रमाणित किडनी टॉनिक

पुनर्नवा की जड़ें किडनी और लीवर की कार्यप्रणाली को सुधारने में सहायक हैं। यह ड्यूरेटिक के रूप में कार्य करती हैं और शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करती हैं। यह रक्तदाब को नियंत्रित करने, मूत्रवर्धक और पाचन में सुधार लाने में सहायक होती हैं।

वैज्ञानिक शोध 

3. पुनर्नवा के फूल के फायदे: त्वचा के लिए फायदेमंद

पुनर्नवा के पुलों का उपयोग रक्त साफ़ करने में मदद करता है, त्वचा के रोग कम होते है तथा  संक्रमण और खुजली जैसी समस्याओं से राहत मिटी है। यह फूल शरीर की त्वचा को साफ और स्वस्थ रखने में मदद करता है।

वैज्ञानिक शोध

  •   Frontiers in Chemistry (2023) में प्रकाशित एक समीक्षा के अनुसार, पुनर्नवा (Boerhavia diffusa) पुराना आयुर्वेदिक रक्त-शोधक (blood purifier) तथा त्वचा को साफ़ रखने में सहायक माना जाता है। इसके उपयोग से खुजली और एक्ज़िमा जैसे त्वचा रोगों में आराम मिलता है और यह घाव भरने में भी कारगर है।

पुनर्नवा के अन्य शारीरिक फायदे

पुनर्नवा समग्र शरीर को स्वस्थ रखने के लिए कई सारे काम करता है, जिनके बारे में हम आगे जानेंगे।  तो चलिए जानते है की कैसे पुनर्नवा लिवर, हृदय, और अन्य अंगो को स्वस्थ रखने में मदद करता है। 

1. लिवर डेटोक्सिफिकेशन में मदद करता है

यह औषधि लिवर में जमे ज़हरीले तत्वों को साफ़ करके लिवर को स्वस्थ बनाने में मदद करता है जिस कारन फैटी लिवर और जॉन्डिस जैसे रोगो को ठीक करने में मदद मिलती है।

वैज्ञानिक शोध

  •   IJNMHS में प्रकाशित शोध के अनुसार, पुनर्नवा अर्क के फायदे कई सारे है।  इसका 50% जल-इथेनॉल अर्क (Boerhavia diffusa) शराब से उत्पन्न लीवर विषाक्तता में मददगार पाया गया, इसमें ALT, SAP, ट्राइग्लिसराइड और कुल लिपिड में कमी आई और कोलेस्ट्रॉल के स्तर सामान्य हुए; साथ ही, लीवर में फैटी सिस्ट्स कम हुईं, जिससे फैटी लिवर और जॉन्डिस जैसी स्थितियों में लाभ मिला।

2. मधुमेह के इलाज में फायदेमंद है

मधुमेह या डायबिटीज आज कल एक आम समस्या बन गया है। रक्त में जब ग्लूकोस की मात्रा में वृद्धि होती है, तब मधुमेह होने की संभावना बढ़ जाती है।  पुनर्नवा में पाए जाने वाले लाभदायक गुण रक्त में मौजूद शुगर की मात्रा को कम करके मधुमेह को नियंत्रित करने में मदद करता है।

वैज्ञानिक शोध

  •   Antidiabetic activity of Boerhaavia diffusa L. (Journal of Ethnopharmacology, 2004) के अनुसार, पुनर्नवा पत्तों के जलीय अर्क (200 mg/kg, 4 सप्ताह) से रक्त ग्लूकोज़ कम हुआ, इंसुलिन स्तर बढ़ा, HbA1c घटा और ग्लूकोज़ सहनशीलता में सुधार हुआ—जिसका प्रभाव ग्लाइबेनक्लामाइड से भी बेहतर पाया गया।

3. अस्थमा के लिए फायदेमंद

अस्थमा जैसी श्वास सम्बन्धी रोगो के लिए भी पुनर्नवा को लाभदायक माना जाता है। यह श्वास नाली में मौजूद म्यूकस पदार्थो को साफ़ करके अस्थमा जैसी समस्याओं में राहत पौह्चाने में मदद करता है।

वैज्ञानिक शोध

  •  ScienceDirect Topics की एक समीक्षा बताती है कि Boerhavia diffusa का उपयोग पारंपरिक चिकित्सा में एलर्जी, अस्थमा और श्वसन संबंधी संक्रमणों में किया जाता रहा है, जो इसकी इम्यूनो-रेग्युलेटरी और विरोध-सूजन क्षमता को दर्शाता है।

4. हृदय के लिए लाभकारी

पुनर्नवा का सेवन करने से ह्रदय का स्वास्थ सुधरता है। यह ह्रदय की कार्यप्रणाली को सुधारकर ह्रदय की कार्यक्षमता को बढ़ाता है और ह्रदय रोग होने की संभावना को कम करता है।

वैज्ञानिक शोध

  •  Biomedicine & Pharmacotherapy (2017) के अनुसार, पुनर्नवा का एथेनॉलिक अर्क हृदय व्रिद्धि और फाइब्रोसिस को कम कर, हृदय को ऑक्सीडेटिव तनाव से बचाता है।

5. आँखों के लिए फायदेमन्द

विटामिन A, एंटीऑक्सिडेंट्स और कैरोटेनॉइड्स से भरपूर पुनर्नवा आँखों की रोशनी को सुरक्षित रखता है, मैक्युलर डिजनरेशन की रोकथाम करता है और मोतियाबिंद व रतौंधी से बचाव में सहायक होता है।

वैज्ञानिक शोध

पुनर्नवा का उपयोग कैसे करें

अब जब हम पुनर्नवा के फायदे के बारे में जान ही गए है, तो चलिए जान लेते है की इसका उपयोग कैसे करे?  पुनर्नवा का उपयोग कई अलग-अलग रूपों में किया जा सकता है, जिसके बारे में निचे बताया गया है:

  • चूर्ण: आधा चम्मच गुनगुने पानी के साथ सुबह और शाम लें।
  • काढ़ा: जड़ को पानी में उबालकर तैयार काढ़ा दिन में 1–2 बार पिएं।
  •  कैप्सूल या टैबलेट: सेवन केवल आयुर्वेदिक विशेषज्ञ की सलाह पर करें।
  • ताजा पत्तों का रस: पत्तों को पीसकर रस निकालें और दिन में एक-दो बार लें।

सेवन से पहले विशेषज्ञ की राय लेना ज़रूरी है, ताकि इसका पूरा लाभ मिले और कोई हानि न हो।

पुनर्नवा के नुकसान

पुनर्नवा एक बहुत ही फायदेमंद जड़ी-बूटी है, लेकिन कुछ स्थितियों में इसके गलत या अधिक सेवन से नुकसान भी हो सकता है:

  • अत्यधिक मूत्र उत्सर्जन (बार-बार पेशाब): इसकी डाययुरेटिक प्रकृति के कारण बार-बार पेशाब आ सकता है।
  • ब्लड प्रेशर कम हो सकता है: लो ब्लड प्रेशर वाले लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए।
  • गर्भवती महिलाएं इसका सेवन डॉक्टर की सलाह के बिना न करें – इससे गर्भाशय पर असर पड़ सकता है।
  • दूध पिलाने वाली माताएं भी इसके उपयोग से पहले चिकित्सक की सलाह लें।
  • एलर्जी: कुछ लोगों को हर्बल दवाओं से एलर्जिक रिएक्शन हो सकते हैं, जैसे चकत्ते, खुजली या सांस लेने में दिक्कत।

पुनर्नवा के फायदे और नुक्सान की तुलना

अब तक इस लेख को पढ़ने के बाद हम लोगो को इतना तो पता चल ही गया है की पुनर्नवा एक ऐसी शक्तिशाली जड़ी-बूटी है, जिसको अगर सही से इस्तेमाल करो तो बहुत फायदे है, नहीं तो उतने ही नुक्सान है।  अब इस लेख को समाप्त करने से पहले आइये जान लेते है इसके फायदे और नुकसान के बारे में इस तुलनातमक सारणी की मदद से:

मुख्य गुण

पुनर्नवा से होने वाले लाभ

संभावित दुष्प्रभाव

प्राकृतिक मूत्रवर्धक

किडनी की सफाई करता है और शरीर से अतिरिक्त टॉक्सिन्स बाहर करता है

अधिक सेवन करने पर शरीर में पानी की कमी हो सकती है

सूजन कम करने वाला प्रभाव

जोड़ों में सूजन या गठिया की स्थिति में आराम देता है

लंबे समय तक सेवन करने से थकावट महसूस हो सकती है

वज़न प्रबंधन में सहायक

फैट को कम करने और मेटाबॉलिज्म सुधारने में मदद करता है

अधिक इस्तेमाल से ऊर्जा स्तर में गिरावट संभव है

शुगर लेवल को नियंत्रित करना

ब्लड ग्लूकोज़ को बैलेंस करता है और डायबिटीज के प्रबंधन में मददगार है

जरूरत से ज्यादा लेने पर ब्लड शुगर बहुत कम हो सकता है

मानसिक राहत देने वाला

तनाव, बेचैनी और नींद की समस्याओं में उपयोगी होता है

उच्च मात्रा में लेने से अधिक नींद या सुस्ती आ सकती है

 

निष्कर्ष

पुनर्नवा एक ऐसा हर्ब है जो की हमारे समग्र शरीर के लिए कई साड़ी फायदे देता है खासकर के लिवर के स्वस्थ्य को सुधरने के लिए यह बेहत लाभकारी है| इस आयुर्वेदिक जड़ी बूटी को अगर आप प्रतिदिन अपने दिनचर्या में शामिल करते है तो आपके समग्र स्वस्थ्य में सुधार हो सकता है|

FAQ

Q1. पुनर्नवा क्या है और इसके मुख्य गुण क्या हैं?

Ans: पुनर्नवा एक आयुर्वेदिक पौधा है, जिसे पारंपरिक चिकित्सा में कई रोगों के उपचार में उपयोग किया जाता है। यह शरीर में सूजन को कम करने, विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने और नई कोशिकाओं के निर्माण में मदद करता है। इसके शुद्धिकरण और पुनरुत्थान (rejuvenation) गुण इसे औषधियों में विशेष बनाते हैं।

Q2. पुनर्नवा का सेवन कैसे किया जाता है?

Ans: पुनर्नवा को चूर्ण (पाउडर), काढ़ा या हर्बल चाय के रूप में लिया जा सकता है। कुछ लोग इसे गोली या कैप्सूल रूप में भी उपयोग करते हैं। इसका सेवन आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह से तय मात्रा में करना चाहिए ताकि इसके लाभ सही तरीके से मिल सकें।

Q3. पुनर्नवा लिवर के स्वास्थ्य में कैसे मदद करता है?

Ans: पुनर्नवा लिवर को डिटॉक्स करता है और उसमें जमा विषैले तत्वों को बाहर निकालने में मदद करता है। यह लिवर को ताजगी प्रदान करता है और उसकी कार्यक्षमता को बेहतर बनाता है। इसके नियमित सेवन से लिवर लंबे समय तक स्वस्थ रह सकता है।

Q4. आयुर्वेद में पुनर्नवा का महत्व क्या है?

Ans: आयुर्वेद में पुनर्नवा को एक प्रभावी “शोधक” औषधि माना गया है, जो शरीर से अतिरिक्त जलन और सूजन को कम करती है। यह रक्त शुद्धि, मूत्र संबंधित विकारों और लिवर की समस्याओं के लिए उपयोगी है। इसके गुण शरीर की प्राकृतिक सफाई और संतुलन को बनाए रखने में मदद करते हैं।

Q5. लिवर की देखभाल में पुनर्नवा का उपयोग कैसे किया जा सकता है?

Ans: लिवर की देखभाल के लिए पुनर्नवा को काढ़ा, चूर्ण या आयुर्वेदिक टॉनिक के रूप में लिया जा सकता है। यह लिवर की सफाई (डिटॉक्स) करता है और उसकी कार्यक्षमता को बढ़ाता है। यह फैटी लिवर, सूजन और पाचन संबंधी लिवर विकारों में भी सहायक होता है।

Q6. क्या पुनर्नवा लीवर के लिए अच्छा है?

Ans: हाँ, पुनर्नवा लिवर के लिए अच्छा है क्योंकि यह विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालकर उसे साफ करता है। इसके नियमित सेवन से लिवर की कोशिकाएं सक्रिय होती हैं और लिवर अधिक बेहतर ढंग से काम करता है। यह लिवर रोगों की रोकथाम में भी सहायक होता है।

Q7. क्या पुनर्नवा से लीवर खराब हो सकता है?

Ans: नहीं, अगर पुनर्नवा का सेवन उचित मात्रा में किया जाए तो यह लीवर के लिए फायदेमंद होता है। यह लिवर डिटॉक्स करता है और लिवर फंक्शन को बेहतर बनाता है। लेकिन अति सेवन या बिना सलाह के लंबे समय तक सेवन करने से लिवर पर असर पड़ सकता है, इसलिए डॉक्टर की सलाह ज़रूरी है।

Q8. पुनर्नवा के क्या नुकसान हैं?

Ans: पुनर्नवा आमतौर पर सुरक्षित है, लेकिन ज्यादा मात्रा में लेने पर यह बार-बार पेशाब आना, ब्लड प्रेशर गिरना, या एलर्जी जैसी समस्याएं दे सकता है। गर्भवती और दूध पिलाने वाली महिलाओं को बिना सलाह के इसका सेवन नहीं करना चाहिए।

Q9. क्या पुनर्नवा किडनी की बीमारी ठीक कर सकती है?

Ans: हाँ, आयुर्वेद में पुनर्नवा को किडनी टॉनिक माना जाता है। यह सूजन कम करता है, यूरिन फ्लो बढ़ाता है और किडनी की कार्यक्षमता में सुधार लाता है। हालांकि, क्रॉनिक किडनी डिज़ीज़ में इसका सेवन डॉक्टर की निगरानी में ही करना चाहिए।

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Dr. Prachi Sharma Vats – Ayurvedic Physician, Author & Wellness Expert

Dr. Prachi Sharma Vats is a dedicated Ayurvedic physician specializing in Ayurvedic nutrition, women’s hormonal health, and PCOD management. She holds a Bachelor of Ayurvedic Medicine and Surgery (BAMS) degree from Shri Krishna AYUSH University, Kurukshetra.

Currently associated with Sheopal’s, a leading Ayurvedic and wellness brand, Dr. Prachi focuses on treating lifestyle related disorders through holistic Ayurvedic practices, personalized diet guidance, and natural healing therapies. Her approach blends classical Ayurvedic wisdom with modern health insights to promote sustainable well-being.

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