बवासीर को जड़ से खत्म करने के लिए अपनाएं आयुर्वेदिक उपचार
बवासीर एक ऐसी गंभीर समस्या है जिसने पुरे विश्व में करोड़ो लोगो अपनी चपेट में ले रखा है| यह एक बहुत दर्दनाक अवस्था है जिसमे गूदेश्य के आसपास सूजन आ जाती है, जलन और खारिश होती है तथा खून भी आता है और यह इतना असहनीय होता है की आम व्यक्ति के जीवनशैली पर भी काफी नकारात्मक प्रभाव परता है|
हालाँकि इसका इलाज संभव और सहज है पर फिर भी लोग इसका इलाज करने में कतराते है क्युकी उनको अपनी अवस्था पे शर्मिंदगी महसूस होती है जिस कारन वह किसीको बताने से भी कतराते है| आज इस ब्लॉग में हम ऐसे ही एक व्यक्ति की कहानी जानेंगे जिहोने बवासीर को हराकर एक नए जीवन की शुरुआत की है और साथ ही बताएँगे बवासीर को जड़ से खत्म करने के उपाय
अमित का सफर, बवासीर मुक्त जीवन की ओर
नमस्कार! मेरा नाम अमित है| मेरी उम्र 32 साल है और मैं मेरठ का रहने वाला हूँ और पिछले 8 सालो से काम के सिलसिले में दिल्ली में रह रहा हूँ| मैं यहाँ एक बड़ी MNC में एक ग्राफ़िक डिज़ाइनर की पोस्ट पर कार्यरत हूँ |
मैं एक साधारण जीवन जीता हूँ, हर रोज़ ऑफिस से घर और घर से ऑफिस बस यही तक मेरा दिन सीमित है पर इस साधरण सी दिखने वाली ज़िन्दगी में बहार से देखने पर तो सब ठीक लगता था पर किसीको यह पता नहीं था की पीछले 2 सालो से मैं बवासीर के दर्द से पीड़ित था|
पर अब नहीं हूँ और मैं आपको आज मेरी कहानी बताने वाला हूँ की कैसे मुझे इस दर्दनाक और असहनीय रोग से राहत मिला पर उससे पहले आपका ये जानना ज़रूरी है की मुझे ये बीमारी हुयी कैसे?
बवासीर का कारण
तो जैसा की मैंने आपको बताया की मैं एक ग्राफ़िक डिज़ाइनर हूँ तो मेरा ज़्यादातर काम एक जगह पर बैठे रहकर ही होता है, और घर से इतनी दूर रहने अक्सर बहार का तला, भुना, तीखा, और मसालेदार खाना तो आम सी बात है, साथ ही काम के चलते तनाव भी आम ही है। और इसी तरह मैं एक ख़राब जीवनसाहिली में जीने लगा जो की मेरे रोज़ाना के कब्ज़ का कारन बन गयी थी और धीरे-धीरे पहले मलाशय और गुदा क्षेत्र में सूजन और दर्द शुरू हुआ, फिर रक्तस्राव, खुजली, और अन्य समस्याए भी होने लगी|
पहले तो किसी को बताने में भी शर्म आती थी फिर डॉक्टरों के पास जाने लगा| न जाने कौन कौन से डॉक्टरों को दिखाया होगा और कितनी ही दवाइया खाई होगी पर कुछ खास फर्क नहीं पड़ा| हर दवाई खाने के कुछ दिनों तक तो सब ठीक रहता था |
फिर सब जैसे का वैसा, वही दर्द, जलन, और खून आना| फिर एक दिन मैंने प्राकृतिक तरीको का सहारा लेने का फैसला किया और बवासीर के आयुर्वेदिक इलाज के बारे में इंटरनेट पर रिसर्च करना शुरू कर दिया|
काफी रिसर्च करने के बाद मुझे पता चला के आयुर्वेद के अनुसार, बवासीर की समस्या आमतौर पर 'पित्त' और 'वात' दोष के असंतुलन के कारण होती है। पित्त दोष का असंतुलन शरीर में जलन और सूजन पैदा करता है, जबकि वात दोष की अधिकता शरीर में सूखापन और तनाव का कारण बनती है।
बवासीर के लक्षण
बवासीर के कारणों के बारे में तो हमने बात कर ली पर इसका इलाज करने से पहले इसके लक्षणों के बारे में पता होना अतिआवश्यक है | जब भी हम इसके लक्षण के बारे में बात करते है तो सबसे पहले कब्ज़ दिमाग में आता है जो की बवासीर का सबसे पहले लक्षण है, इसके साथ ही सूजन, खुजली, जलन, और मलत्याग के समय खून आना भी आम है |
इन बातो को आपको बताने का मेरा इरादा ही यह है की आप भी समय रहते इन लक्षणों को समझकर इलाज करवा सके|
बवासीर के उपचार
अब हम बात करेंगे की कैसे मैंने आयुर्वेद के सहारे अपने पाइल्स को हराया| यहाँ कुछ आयुर्वेदिक उपाए निम्लिखित है जिसने मेरी पाइल्स से लड़ने में मदद की:
संतुलित आहार: फाइबर को करे भोजन में सम्मिलित
पाइल्स होने के बाद मुझे पता चला की फाइबर का दैनिक आहार में क्या महत्व होता होता है| फाइबर आंतो की कार्यप्रणाली को सुधरता है जिससे मल मुलायम होता है और मलत्याग में कोई समस्या नहीं आती और कब्ज़ की समस्या भी काम होती है|
इसलिए खाने में फाइबर युक्त तत्व जैसे फल, सब्ज़िया, और साबुत अनाज शामिल करे तथा ज़्यादा मसालेदार और जंक फ़ूड से परहेज़ करे|
पर्याप्त मात्रा में पानी पीना
मैं अक्सर काम के चलते भोजन करना यहाँ तक की पानी पीना भी भूल जाता था, नतीजा पाइल्स, पर जब से आयुर्वेदिक उपचारो के बारे में पता चला है तब से जाना है की पानी सेहत के लिए कितना ज़रूरी है| यह न सिर्फ मलत्याग में सहायता करता है बल्कि अन्य शारीरिक गतिविधियों में भी मदद करता है| इसलिए मैं तो आपको यही सलाह देता हूँ की आप रोज़ाना कम से कम 3-4 लीटर पानी पिये|
तनाव कम करें
मेरी कहानी से आपको अब तक ये तो पता चल ही गया होगा की तनाव भी बवासीर का एक कारण हो सकता है। इसलिए, मानसिक शांति बनाए रखने के लिए ध्यान और प्राणायाम का अभ्यास करें।
आयुर्वेदिक दवा
यूँ तो बाजार में आजकल हज़ारो आयुर्वेदिक दवाएं उपलबध है पर जिस दवा ने मेरे इस सफर में मेरा साथ दिया वो है Sheopal’s Piles care combo इसमें कैप्सूल और आयल होता है| यह एक ऐसी आयुर्वेदिक दवा है जो की कई सारी विशेष जड़ी बूटियों का मिश्रण है जैसे:
दारुहल्दी: सूजन को कम करने में मदद करता है|
हरद: पाचनक्रिया सुधरता है और पाइल्स के कारन आंतो में लगी चोट को ठीक करता है|
नागकेसर: पाइल्स के कारन खून आने को नियंत्रित करता है
मेरी तरह आप भी इस दवा की मदद से पाइल्स से राहत पा सकते है बस श्योपाल'स की वेबसाइट ववव.श्योपाल'स.कॉम पे जाकर Sheopal’s Pillocare या Sheopal’s Pilohem कैप्सूल को ख़रीदे| और अब तो पाइल्स से छुटकारा पाना है और भी आसान और किफायती, sheopals.com पे जाकर इन कैप्सूल्स को आर्डर करे और WINTER60 कोड का इस्तेमाल कर पाए हर ऑनलाइन पेमेंट पर 60% की छूट|
निष्कर्ष
अमित की कहानी से आपको यह तो पता चल ही गया होगा की बवासीर का इलाज आसान है और अमित की तरह ही इस सभी उपायों का प्रयोग कर आप भी बवासीर से मुक्ति पा सकते है| तो देर किस बात की आज ही अपने बवासीर मुक्त जीवन की तरफ पहला कदम बढ़ाये|
FAQ
क्या आयुर्वेदिक उपचार से बवासीर जड़ से खत्म हो सकती है?
हां, आयुर्वेदिक उपचार से बवासीर जड़ से खत्म हो सकती है, अगर सही समय पर और सही उपाय किए जाएं।
बवासीर में कौन-कौन सी जड़ी-बूटियाँ मददगार हैं?
बवासीर में हरड़, दारुहल्दी, और नागकेसर जैसी जड़ी-बूटियाँ मददगार हैं।
क्या आयुर्वेदिक दवाओं से बवासीर ठीक हो सकती है?
आयुर्वेदिक दवाओं से बवासीर को नियंत्रित और ठीक किया जा सकता है, लेकिन यह समय ले सकता है।
बवासीर को ठीक करने में आयुर्वेद कैसे मदद करता है?
आयुर्वेद पाचन सुधारने, रक्त प्रवाह बढ़ाने और सूजन कम करने में मदद करता है, जो बवासीर को ठीक करने में सहायक है।
क्या बवासीर जड़ से खत्म हो सकती है?
हां, सही उपचार और लाइफस्टाइल बदलाव के साथ बवासीर को जड़ से खत्म किया जा सकता है।
Dr. Prachi Sharma Vats – Ayurvedic Physician, Author & Wellness Expert
Dr. Prachi Sharma Vats is a dedicated Ayurvedic physician specializing in Ayurvedic nutrition, women’s hormonal health, and PCOD management. She holds a Bachelor of Ayurvedic Medicine and Surgery (BAMS) degree from Shri Krishna AYUSH University, Kurukshetra.
Currently associated with Sheopal’s, a leading Ayurvedic and wellness brand, Dr. Prachi focuses on treating lifestyle related disorders through holistic Ayurvedic practices, personalized diet guidance, and natural healing therapies. Her approach blends classical Ayurvedic wisdom with modern health insights to promote sustainable well-being.

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