बवासीर को दूर करें: बवासीर के लिए सरल घरेलू उपचार
            बवासीर, जिसे पाइल्स भी कहा जाता है, कई व्यक्तियों को प्रभावित करने वाली एक दर्दनाक और असुविधाजनक स्थिति है। अकेले भारत मैं ही इस से करीब-करीब हर साल एक करोड़ से अधिक मरीज सामने आते हैं| इस स्थिति में, मलाशय और गुदा के आसपास सूजी हुई रक्त वाहिकाएं दबाव के कारण खिंच जाती हैं।
हलाकि, ऐसे कई घरेलू उपचार हैं जो लक्षणों को कम करने और उपचार को बढ़ावा देने में मदद कर सकते हैं। इस गाइड में, हम जटिल उपचार या दवाओं की आवश्यकता के बिना बवासीर से राहत प्रदान करने के लिए आसान और सरल घरेलू उपचारों का पता लगाएंगे।
बवासीर होने के क्या कारण हैं?
बवासीर होने का कोई एक मुख्य कारण नहीं है, यह कई कारणों से हो सकता है। आइए उन कारकों पर एक नज़र डालें जो बवासीर में योगदान कर सकते हैं:
- कम फाइबर वाला आहार खाने से
 - दीर्घकालिक दस्त या कब्ज होना।
 - नियमित व्यायाम न करना
 - लंबे समय तक शौचालय में बैठे रहना
 - भारी सामान उठने से
 - लंबे समय तक तनाव या गर्भावस्था के कारण
 - आनुवंशिकी (जेनेटिक्स)
 - मल त्यागते समय जोर लगाना
 - लगातार खांसी रहना से
 
ये सभी कारक मिलकर बवासीर के विकास में योगदान करते हैं।
बवासीर के लक्षण क्या हैं?
यदि आपको बवासीर है, तो आप को निम्नलिखित लक्षण अनुभव हो सकते हैं:
- मल त्यागते समय खून आना
 - गुदा के आसपास दर्द
 - गुदा के आसपास गांठें और इसमें दर्द रहता है तथा खून भी आता है
 - ऐसा महसूस होना कि शौचालय का उपयोग करने के बाद भी आपको मल त्यागने की आवश्यकता है
 - गुदा के आसपास खुजली होना
 
इन सभी लक्षण को बवासीर का घरेलू इलाज से भी ठीक किया जा सकता हैं
बवासीर के प्रकार
बवासीर मुख्य रूप से 4 प्रकार की होती हैं. जिन के बारे मैं आप निचे पढ़ सकते हैं:
अंदरूनी बवासीर: इस मैं बवासीर मलाशय के अंदर विकसित होती हैं आप आमतौर पर उन्हें देख या महसूस नहीं कर सकते हैं और वे शायद ही कभी असुविधा पैदा करते हैं। लेकिन मल त्यागते समय तनाव या जलन हो सकती है: मल त्याग के दौरान दर्द रहित रक्तस्राव। इस िस्थि मैं जो मस्से होते हैं वह दिखाई नहीं देते हैं क्योकि यह गुदा की काफी गहराई में विकसित होते हैं|
बाहरी बवासीर : बाहरी बवासीर मलाशय के ऊपर विकसित होती हैं. ये दर्दनाक गांठें हैं जो गुदा के आसपास की त्वचा के नीचे दिखाई देती हैं। वे छोटी गुलाबी गांठों की तरह दिख सकते हैं और हल्की खुजली या रक्तस्राव का कारण बन सकते हैं।
प्रोलैप्सड पाइल्स: प्रोलैप्सड पाइल्स जिसे बवासीर भी कहा जाता है तब होता है जब मलाशय और गुदा क्षेत्र में रक्त वाहिकाएं सूजें जाती हैं और फूल जाती हैं। अगर अंधरूरी और आंतरिक बवासीर को सही समय पर इलाज नहीं किया जाये तो आगे चल कर यह प्रोलैप्सड पाइल्स तक पहुंच जाती हैं|
खूनी बवासीर - खूनी बवासीर एक खतरनाक और गंभीर स्थिति हैं. इस मैं मल त्यागते समय खून आने लगता हैं. हलाकि खूनी बवासीर के इलाज को शुरू करने से पहले मसालेदार भोजन तली भुनी चीजे और शराब से परहेज करना चाहिए |
बवासीर का घरेलू इलाज
हाइड्रेशन एंड फाइबर
बवासीर के प्रबंधन के मूलभूत पहलुओं में से एक उचित हाइड्रेशन और फाइबर युक्त आहार सुनिश्चित करना है। पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से मल नरम हो जाता है, जिससे मल त्यागने में आसानी होती है और मल त्याग के दौरान तनाव कम होता है। साबुत अनाज, फल और सब्जियों सहित फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ, नियमित मल त्याग को बढ़ावा देते हैं और कब्ज को रोकते हैं। ये आहार समायोजन बवासीर के गंभीर होने के जोखिम को काफी कम कर सकते हैं।
सिट्ज बाथ
बवासीर के लिए गर्म नहाना एक सुखदायक उपाय हो सकता है। लगभग 15 मिनट तक गर्म पानी के टब में प्रभावित हिस्से को बस उसमें डुबो ने से दर्द कम करने में, जलन को शांत करनेमें, और सूजन कम करने में मदद मिल सकती है। पानी में एप्सम नमक मिलाने से सुखदायक प्रभाव बढ़ सकता है। इस सरल उपाय को दिन में कई बार दोहराया जा सकता है, जिससे बवासीर से जुड़ी परेशानी से राहत मिलती है।
वेट वाइप्स
मल त्यागने के बाद टॉयलेट पेपर आदि का इस्तेमाल न करे ये मोजुदा बवासीर मैं जलन को बड़ा सकता हैं. इस की जगह आप वेट वाइप्स का उपयोग कर सकते हैं जो जलन पैदा किये बिना आपको साफ रखने मैं मदद कर सकते हैं और एक बात जब भी वेट वाइप का इस्तेमाल करे तो धियान रखें की ऐसे वाइप का इस्तेमाल करे जिनमे एंटी-हेमरॉइड (बवासीर-रोधी) तत्व हो.
नारियल का तेल
नारियल का तेल बवासीर का घरेलू इलाज मैं से सब से लाभकारी नुकसा हैं. नारियल के तेल में एंटीइन्फ्लेमेटरी और एनाल्जेसिक गुण होते हैं जो दर्द जलन और सूजन को कम करने मैं मदद करता हैं. नारियल के तेल में एंटीमाइक्रोबियल एजेंट होते हैं जो बैक्टीरिया को मारने और उसे पनपने से रोकता है और बवासीर के लक्षणों को भी कम करता हैं|
व्यायाम
समग्र स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए नियमित व्यायाम महत्वपूर्ण है और बवासीर को रोकने और प्रबंधित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। पैदल चलना, तैरना या योग जैसी गतिविधियों में शामिल होने से रक्त परिसंचरण को बढ़ावा मिलता है और कब्ज का खतरा कम हो जाता है। सरल व्यायाम भी मलाशय और गुदा में मांसपेशियों को मजबूत कर सकते हैं, जिससे बवासीर के गठन को रोका जा सकता है। प्रतिदिन व्ययाम कर के खूनी बवासीर का इलाज भी किया जा सकता हैं
निम्बू के रस
आधे निम्बू का रस निचोड़कर उसे सामान्य ताप वाले दूध मैं मिला कर दूध फटने से पहले सुबह सुबह खाली पेट पिले. ये आपकी पाचन किर्या की ठीक रखने मैं मदत करेगा और दूध मल नाल को नरम करता हैं ताकि मल त्याग आसानी से हो सके|
आयुर्वेदिक इलाज
आयुर्वेद पाइल्स को प्रबंधित करने के लिए कई प्रकार के हर्बल उपचार प्रदान करता है। ये प्राकृतिक फॉर्मूलेशन राहत प्रदान करने और उपचार को बढ़ावा देने के लिए आपके शरीर के साथ तालमेल बिठाकर काम करते हैं। बवासीर का आयुर्वेदिक इलाज के लिए आप कई आयुर्वेदिक हर्ब्स जैसे त्रिफला रीठा कथा गिलोय नगेसकर और निम्बोली का इस्तेमाल कर के भी बवासीर को ठीक कर सकते हैं |
निष्कर्ष
अगर आपको को भी बवासीर की समस्या हैं तो आप इन घरेलू नुस्खों को अपनाकर बवासीर के भयंकर दर्द से रहता पा सकते हैं | अगर उस के बाद भी बवासीर के दर्द आराम नहीं मिल रहा हैं तो आपने डॉक्टर से जरूर संपर्क करे इस को गंभीर िस्थि तक न पहुंचने दे
      Dr. Prachi Sharma Vats – Ayurvedic Physician, Author & Wellness Expert
Dr. Prachi Sharma Vats is a dedicated Ayurvedic physician specializing in Ayurvedic nutrition, women’s hormonal health, and PCOD management. She holds a Bachelor of Ayurvedic Medicine and Surgery (BAMS) degree from Shri Krishna AYUSH University, Kurukshetra.
Currently associated with Sheopal’s, a leading Ayurvedic and wellness brand, Dr. Prachi focuses on treating lifestyle related disorders through holistic Ayurvedic practices, personalized diet guidance, and natural healing therapies. Her approach blends classical Ayurvedic wisdom with modern health insights to promote sustainable well-being.
  
              
          
          
          
          
          
              
              
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