शिलाजीत के फायदे, नुकसान और उपयोग - Shilajit Benefits, Use and Side Effects in Hindi

शिलाजीत के फायदे -Shilajit Benefits

शिलाजीत को आयुर्वेद में एक रसायन (Rejuvenator) माना जाता है। हजारों वर्षों से प्रयोग हो रहा यह प्राकृतिक पदार्थ, आज की आधुनिक जीवनशैली में भी काफी जरूरी हो चुका है।

यह भारत और तिब्बत के ऊँचे हिमालयी क्षेत्रों से पाया जाता है। शिलाजीत एक गाढ़ा, खनिज युक्त, चिपचिपा पदार्थ है जो बहुत सारी स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज में प्रयोग किया जाता रहा है।

लेकिन क्या शिलाजीत का उपयोग वाकई फायदेमंद है? क्या आज का आधुनिक विज्ञान इसके उपयोग को सही मानता है? क्या शिलाजीत के उपयोग से कुछ नुकसान भी हो सकते हैं?

कुछ प्रारंभिक जानकारी के साथ, इस ब्लॉग पोस्ट में जानें कि शिलाजीत के फायदे, उपयोग करने के तरीके, और संभावित नुकसान क्या हैं?

शिलाजीत क्या है? (What is Shilajit?)

शिलाजीत एक प्राकृतिक रेजिन, गोंद जैसा पदार्थ, है। यह प्रमुख रूप से हिमालय, तिब्बत, अल्ताई और गिलगिट जैसे ऊँचे पहाड़ी क्षेत्रों में चट्टानों के बीच मिलता है।

शिलाजीत जैविक तत्वों के क्षरण, चट्टानों के विघटन और लाखों वर्षों के प्राकृतिक दबाव और तापमान से उत्पन्न होता है।

आयुर्वेद में शिलाजीत को "रसायन" कहा गया है, यानी वह पदार्थ जो शरीर की उम्र बढ़ने को गति को धीमा करता है, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है और ऊर्जा का अच्छा स्तर बनाए रखता है।

शिलाजीत में उपलब्ध पोषक तत्त्व (Nutritional Elements of Shilajit)

आयुर्वेदाचार्य के अनुसार, शिलाजीत में 80 से अधिक कार्बनिक यौगिक और खनिज पाए जाते हैं। यहां कुछ प्रमुख पोषक तत्त्व संछिप्त में वर्णित है:

  • फुल्विक एसिड - एक शक्तिशाली एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट यौगिक।
  • ह्यूमिक एसिड - यह शरीर में पोषक तत्वों के अवशोषण को बढ़ाता है।
  • खनिज - आयरन, जिंक, मैग्नीशियम, कॉपर जैसे खनिज रक्त संचार और इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करते हैं।
  • एमिनो एसिड्स - यह मांसपेशियों की मरम्मत और वृद्धि के लिए जरूरी होता है।
  • डिबेंजो-अल्फा-पाइरोन्स - यह तत्त्व टेस्टोस्टेरोन स्तर बढ़ाने में सहायक होता है।

इन पोषक तत्वों की उपलब्धता के कारण शिलाजीत शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद होता है।

शिलाजीत के फायदे (Shilajit ke Fayde)

शिलाजीत के रेजिन, कैप्सूल, टेबलेट, और पाउडर का सेवन बहुत ही फायदेमंद है। यहां हम वैज्ञानिक अध्यनों में प्रमाणित शिलाजीत के कुछ फायदों (Shilajit ke fayde) के बारे में जानते हैं:

1. मेटाबोलिज्म को बढाकर शुगर कंट्रोल करने में मदद करता है (Helps Control Blood Sugar Levels)

शिलाजीत का नियमित सेवन से मेटाबोलिज्म में सुधार होता है। इसके अलावे, यह लिपिड और ह्रदय स्वास्थ्य में सुधार लता है। इन सबके कारण,डायबिटीज के नियंत्रण में मदद मिलता है।

2. मांसपेशियों की थकान कम करता है (Lowers Muscle Tension and Tiredness)

शिलाजीत में फुल्विक एसिड मौजूद होता है। यह तत्त्व कोशिकाओं में ऊर्जा उत्पादन को बढ़ाता है, और यह ऊर्जा मांसपेशियों की थकान कम करती है।

शिलाजीत एडेनोसिन ट्राइफॉस्फेट (ATP) के उत्पादन में वृद्धि लेकर शरीर को अधिक ऊर्जा प्रदान करता है, जिससे वर्कआउट के बाद होने वाली मांसपेशियों में कमजोरी और दर्द कम होती है।

वैज्ञानिक अध्यन

2012 में Journal of Ethnopharmacology में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया है कि एथलीट्स, जिन्होंने शिलाजीत का दो महीनों तक नियमित सेवन किया, के सहनशक्ति में 15 से 20% तक सुधार हुआ।

इसके अलावा, यह आयुर्वेदिक जड़-बूटी लैक्टिक एसिड के जमाव को कम करता है, जिससे वरकौर सेशन के बाद होने वाली थकान से तेजी से निजात पाने में मदद मिलती है।

3. हृदय स्वास्थ्य को बढ़ाता है (Improves Heart Health)

हृदय मानव शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग है। इसकी सही क्रियाशीलता बनाये रखने में शिलाजीत एक प्रभावी रक्षक के रूप में कार्य करता है। यह खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) को कम करता है, रक्त प्रवाह को बेहतर करता है, और धमनी कठोरता से बचाव करता है।

वैज्ञानिक अध्ययन

Cardiovascular Toxicology में प्रकाशित 2010 के एक अध्यन में पाया गया कि शिलाजीत के नियमित सेवन से चूहों में कार्डिएक टिश्यू सुरक्षित रहे और हृदय की ऑक्सीडेटिव क्षति कम हुई।

4. गैस्ट्रिक अल्सर सही करने में मदद करता है (Helps Treat Gastric Ulcer)

पेट की कई समस्याएं जैसे एसिडिटी, अल्सर, और गैस आज के समय में एक आम परेशानी है। शिलाजीत में पाया जाने वाला एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पेट की अम्लता को संतुलित करने में और अल्सर की हीलिंग प्रक्रिया को तेज करने में मदद करता है।

वैज्ञानिक प्रमाण

Phytomedicine Journal में 2006 में प्रकाशित एक अध्ययन में यह सिद्ध हुआ कि शिलाजीत का सेवन गैस्ट्रिक म्यूकोसा (पेट की आंतरिक परत) को क्षतिग्रस्त होने से बचाता है और अल्सर के घावों की मरम्मत करता है।

5. पुरुषों में सेक्सुअल पावर बढ़ाता है (Enhances Stamina and Sexual Power)

विशेषज्ञ शिलाजीत को पुरुषों के लिए एक प्राकृतिक वियाग्रा मानते हैं। आयुर्वेद में इसे वीर्यवर्धक", "बल्य वर्धक", और "कामवर्धक माना जाता है। यह न केवल टेस्टोस्टेरोन को बढ़ाता है, बल्कि स्पर्म मोटिलिटी, क्वालिटी, और यौन इच्छा में भी महत्वपुर्ण सुधार लाता है।

वैज्ञानिक अध्ययन

Andrologia में 2016 में प्रकाशित एक क्लिनिकल ट्रायल के अनुसार, 90 दिनों तक 250 mg शिलाजीत लेने से पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन लेवल में 23.5% तक की वृद्धि हो सकती है। Shilajit khane ke fayde में से एक है।

6. महिलाओं में प्रजनन और सेक्सुअल स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है (Improves Female’s Reproductive and Sexual Health)

शिलाजीत हार्मोनल संतुलन को ठीक करके महिलाओं में लिबिडो (यौन इच्छा) और फर्टिलिटी (प्रजनन क्षमता) को बढ़ाता है। यह पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) से पीड़ित महिलाओं में अनियमित पीरियड्स को नियंत्रित करता है।

मेनोपॉज के दौरान होने वाले मूड स्विंग्स, हॉट फ्लैशेस, और हड्डियों के कमजोर होने की समस्या को भी कम करता है। इसके अलावा, यह योनि के सूखेपन (Vaginal Dryness) को दूर करके महिलाओं के सेक्सुअल हेल्थ को बेहतर बनाता है।

7. उम्र घटाने में सहायता करता है (Helps Slow Down Ageing Process)

आयुर्वेदाचार्य शिलाजीत को "जीवन शक्ति वर्धक" मानते हैं। यह उम्र की प्रक्रिया को धीमा करने की क्षमता रखता है।

शिलाजीत मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स कोशिकाओं की क्षति को रोकते हैं, जिससे बालों का गिरना, झुर्रियाँ, और शारीरिक कमजोरी जैसी समस्याएं कम होती हैं। ये सभी समस्याएं प्रायः उम्र बढ़ने के लक्षण होते हैं।

वैज्ञानिक प्रमाण

Anti-Ageing Medicine के 2009 के एक अध्यन के अनुसार शिलाजीत का प्रमुख घटक फुलविक एसिड DNA को ऑक्सीडेटिव डैमेज को कम करके शरीर की anti-ageing प्रक्रिया को बढ़ावा देता है।

8. एनीमिया को सही करता है (Helps Address Anaemia)

शिलाजीत में आयरन भरपूर मात्रा में उपलब्ध होती है। आयरन हीमोग्लोबिन बढ़ाकर एनीमिया से बचाव करती है। यह लाल रक्त कोशिकाओं (RBCs) के निर्माण को उत्तेजित करता है, जिससे खून की कमी (Anemia) दूर होती है।

वैज्ञानिक अध्ययन

2018 के एक शोध के अनुसार, शिलाजीत का सेवन 2-3 महीने तक करने पर महिलाओं में आयरन की कमी से होने वाली कमजोरी और थकान में काफी सुधार लाता है।

9. रोगरोधक क्षमता को बढ़ाता है (Enhances Immunity)

आज के समय में शरीर की इम्यूनिटी यानी रोगों से लड़ने की शक्ति को मजबूत करना सबसे बड़ी जरूरत है। शिलाजीत में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट, खनिज, और फुलविक एसिड शरीर के सफेद रक्त कोशिकाओं (WBCs, white blood cells) को एक्टिव करते हैं।

इसके परिणामस्वरूप शिलाजीत के उपयोग से मौसमी फ्लू, वायरल संक्रमण, और सामान्य जुकाम जैसी बीमारियों से बचाव करने में सहायक मिलती है।

वैज्ञानिक प्रमाण

Immunology Letters के 2007 के एक अध्ययन के अनुसार, शिलाजीत शरीर की macrophage activity (रोगजनकों को खाने वाली कोशिकाएं) को बढ़ता है जिससे रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार होता है।

10. तनाव और चिंता को घटाता है (Lowers Stress and Anxiety)

शिलाजीत में न्यूरोप्रोटेक्टिव तत्व पाया जाता है। यह तत्त्व मस्तिष्क की कार्यप्रणाली को सुधार लाता है और कॉर्टिसोल हार्मोन के स्तर को नियंत्रित करता है। इस हार्मोन स्तर में तनाव के समय अत्यधिक वृद्धि होती है, जिसके कारण मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डालता है।

वैज्ञानिक अध्ययन

Journal of Medicinal Food में 2010 में प्रकाशित अध्यन के अनुसार, शिलाजीत के सेवन से लोगों में घबराहट, तनाव, और चिड़चिड़ापन में कमी आती है। यह ध्यान केंद्रित करने की क्षमता और मानसिक स्थिरता को बढ़ाता है।

शिलाजीत के उपयोग (How to Use Shilajit)

शिलाजीत के इतने सारे फायदे (Shilajit ke fayde) जानने के बाद, आप इसके उपयोग करने के लिए लालायित हो गए होंगें। शिलाजीत रेजिन, पाउडर, टेबलेट, और कैप्सूल फॉर्म में उपलब्ध है। आइये जानते हैं कि आप शिलाजीत के किस रूप का उपयोग कैसे कर सकते हैं:

  • कैप्सूल/टेबलेट - यह शिलाजीत का सबसे सुविधाजनक रूप (फॉर्म) है। अपने डॉक्टर के सलाह पर आप एक 250–500 mg शिलाजीत कैप्सूल या टेबलेट लें।
  • पाउडर- यह प्राकृतिक और कम प्रोसेस्ड फॉर्म है। आप इसे गुनगुने दूध या पानी में मिलाकर लें।
  • रेजिन (Resin)- यह शिलाजीत का शुद्धतम रूप है और थोड़ा महंगा होता है। एक चुटकी शिलाजीत को गुनगुने दूध में मिलाकर पीएं।

शिलाजीत के नुकसान (Shilajit Side Effects)

जहां शिलाजीत के फायदे अनेक हैं, वहीं इसके कुछ संभावित नुकसान भी हैं, विशेष रूप से जब आपको यह शुद्ध रूप में नहीं मिलता है या आप इसका सेवन अत्यधिक मात्रा में लेते हैं। यहां शिलाजीत के कुछ संभावित नुकसान और सावधानियां हैं:

  • भारी धातुओं जैसे आर्सेनिक और पारा की मिलावट – नकली या अशुद्ध शिलाजीत में यह आम समस्या है।
  • हाइपोटेंशन से ग्रसित व्यक्तियों में ब्लड प्रेशर कम हो सकता है।
  • संवेदनशील लोगों एलर्जी या त्वचा पर रैशेज हो सकता है।
  • स्तनपान कराने वाली या गर्भवती महिलाओं को शिलाजीत का उपयोग नहीं करना चाहिए।

शिलाजीत के फायदे और नुकसान - एक तुलनात्मक अध्यन

जैसा कि हम जानते हैं शिलाजीत का उपयोग लाभकारी और नुकसानदायक दोनों हो सकता है। यहां हम शिलाजीत के फायदे और नुकसान का एक तुलनात्मक अध्यन करते हैं, जिससे आपको फैसला लेने में मदद मिलेगी।

पहलू

शिलाजीत के फायदे (Shilajit Ke Fayde)

शिलाजीत के नुकसान ( Shilajit Side Effects)

ऊर्जा स्तर

स्टैमिना बढ़ाता है, थकान कम करता है।

अधिक मात्रा में नींद न आने की समस्या।

हृदय स्वास्थ्य

कोलेस्ट्रॉल कम करता है।

बिना डॉक्टरी सलाह के हाई BP में नुकसानदायक।

यौन स्वास्थ्य

पुरुषों और महिलाओं में फर्टिलिटी बढ़ाता है।

गर्भावस्था में हानिकारक हो सकता है।

इम्यूनिटी

रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है।

कुछ लोगों में एलर्जी हो सकता है।


निष्कर्ष (Final Words)

शिलाजीत आयुर्वेद का एक अद्भुत देन है। यह शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए कई तरह से लाभदायक है। शीलजीत के फायदे में न सिर्फ ऊर्जा वृद्धि है, बल्कि हृदय रोग, तनाव, और यौन समस्याओं से भी बचाव भी है।

हालांकि, इसका सही मात्रा और सही तरीके से सेवन ही लाभकारी है, अन्यथा यह नुकसानदायक भी हो सकता है। अगर आप शिलाजीत को अपनी दिनचर्या में शामिल करना चाहते हैं, तो किसी अनुभवी आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह अवश्य लें और असली व गुणवत्तापूर्ण शिलाजीत ही खरीदें।

Read More:-Shilajit Benefits, Uses and Side Effects

FAQs:

Q1. शिलाजीत के सेवन से क्या फायदे होते हैं?

Ans: शिलाजीत के नियमित सेवन से शारीरिक ऊर्जा में बढ़ोतरी होती है, कामेच्छा बढ़ती है, ह्रदय स्वास्थ्य सुधरता है, और रोगप्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है।

Q2. क्या शिलाजीत से स्टैमिना बढ़ता है?

Ans: जी हाँ, शिलाजीत के नियमित सेवन से स्टैमिना बढ़ता है और सेक्सुअल डिजायर (कामेच्छा) में बढ़ोतरी होती है।

Q3. शिलाजीत पुरुषों के लिए क्यों फायदेमंद है?

Ans: शिलाजीत पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन लेवल, तेज कामेच्छा, और शारीरिक ऊर्जा में वृद्धि करता है।

Q4.शिलाजीत को कब और कैसे लेना चाहिए?

Ans: शिलाजीत के रेजिन, पाउडर, या कैप्सूल/टेबलेट को हलके गर्म पानी या दूध के साथ लेना चाहिए। अच्छे प्रभाव के लिए, अपने डॉक्टर से बात करें और उनके सलाहनुसार ही लें।

Q5. शिलाजीत टाइप 2 डायबिटीज में कैसे काम करता है?

Ans: शिलाजीत मेटाबोलिज्म और शारीरिक ऊर्जा में वृद्धि लाता है और हृदय और लिपिड स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है। परिणामस्वरूप यह डायबिटीज के ईलाज में सहायक है।

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Dr. Prachi Sharma Vats – Ayurvedic Physician, Author & Wellness Expert

Dr. Prachi Sharma Vats is a dedicated Ayurvedic physician specializing in Ayurvedic nutrition, women’s hormonal health, and PCOD management. She holds a Bachelor of Ayurvedic Medicine and Surgery (BAMS) degree from Shri Krishna AYUSH University, Kurukshetra.

Currently associated with Sheopal’s, a leading Ayurvedic and wellness brand, Dr. Prachi focuses on treating lifestyle related disorders through holistic Ayurvedic practices, personalized diet guidance, and natural healing therapies. Her approach blends classical Ayurvedic wisdom with modern health insights to promote sustainable well-being.

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